Friday, April 19, 2013
..श्री श्याम बिहारी जी मिश्र एक जुझारू,सक्षम,निस्वार्थ सेवा प्रदाता,निर्भीक और मिलनसार व्यक्तित्व के बेजोड़ प्रतिभा शाली नेता
समूचे भारत वर्ष में भारतीय उद्योग व्यापर मंडल का अपना एक स्थान है..अपनी एक महत्ता है..इनके नेताओ में व्यापारिक गुण मौजूद है,विद्यमान है पर उनके रोम-रोम में जन-जन के लिए करुणा,सेवा,शांति एवं संगठन भावना निवासित है तथा हर तबके के व्यापारी को बुनियादी सुविधाए तथा सटीक कर प्रणाली सुलभ ह़ो..उस दिशा में काफी अनुमोदनीय प्रयास किये है..व्यापार जितना जीवन यापन के लिए जरुरी है, व्यापारिक गतिविधिया सामाजिक स्तर पर अपना वजूद कायम रखने के लिए नितांत आवश्यक है ..श्री श्याम बिहारी जी मिश्र एक जुझारू,सक्षम,निस्वार्थ सेवा प्रदाता,निर्भीक और मिलनसार व्यक्तित्व के बेजोड़ प्रतिभा शाली नेता है जिनके कुशल नेतृत्व में मंडल ने कई मोर्चो पर व्यापारिक हित में अभियानों की झड़ी लगा दी तथा अहम् मुद्दो पर सरकार से पक्ष में निर्णय करा कर व्यापारी वर्ग को लाभान्वित कराया है .श्री श्याम बिहारी जी ने सांसद के रूप में भी अमिट छाप छोड़ी है, तथा श्री विजय प्रकाश जी जैन जो कि स्वयं किसी परिचय के मोहताज नहीं , उनके साथ कंधे से कंधा मिलकर अभी भी अलख जगाये हुए है .मैं यह कह दू तो कोई आतिश्योक्ति नहीं होगी कि श्री मिश्रा जी और विजय प्रकाश एक दुसरे के पूरक रहे है, रहेंगे ...
श्री मिश्रा जी की हीरक जयंती के उपलक्ष्य में उनको साध्य्वाद प्रेषित करता हु कि आप इसी तरह निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर रहे , ईश्वरीय कृपा आप पर बरसे तथा हमारी शुभ-कामनाये आपको लम्बी उम्र के साथ उत्तम और निरोगी स्वस्थ्य प्रदत्त करे ..आपको मेरी ये पंक्तिया सादर समर्पित करता हु ..
इतने ऊँचे उठो कि जितना उठा गगन है।
देखो इस सारी दुनिया को एक दृष्टि से
सिंचित करो धरा, समता की भाव वृष्टि से
जाति भेद की, धर्म-वेश की
काले गोरे रंग-द्वेष की
ज्वालाओं से जलते जग में
इतने शीतल बहो कि जितना मलय पवन है॥
नये हाथ से,नए जोश से , वर्तमान का रूप सँवारो
नयी तूलिका से चित्रों के रंग उभारो
नये राग को नूतन स्वर दो
भाषा को नूतन अक्षर दो
युग की नयी मूर्ति-रचना में
इतने मौलिक बनो कि जितना स्वयं सृजन है॥
सफलता यूँ ही नहीं मिलती या यों कहू कि सफलता अलादीन के चिराग कि तरह भूमि को फोड़ कर नहीं निकला करती-ना ही किसी अवतार कि तरह आकाश से अवतरित होती है ..कामयाबिया आपके स्वस्थ नजरिये का परिणाम है..आपकी सेवाओं का प्रतिफल है,स्वस्थ मानसिकता की परिणिति है,तीर्थंकरों के आशीर्वादों से फलित है तथा प्रभु क़ी आशीषों से सिंचित और पल्लवित हो रही है.. समाज ने एक हाथ से लिया तो दुसरे हाथ को देने के लिए खुला छोड़ रखा है..हम भी आप श्री के साथ कंधे से कंधा मिलकर भारतीय उद्योग व्यापर मंडल को सफलता के शिखर तक ले जाए , यही शुभेच्छा है ..
विश्व का मंगल हो,प्राणी मात्र का मंगल हो।।श्री श्याम बिहारी जी मिश्र के उज्जवल भविष्य क़ी मंगल कामना शुभ भावों के दीये में जलाकर प्रेषित करते हुए हर जन के सहयोग,सानिध्य,स्नेह,सहकार क़ी भावना भाता हूँ..
विशेष आदर सहित........
प्रत्यक्ष ओर अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग करने वालों को अग्रिम में धन्यवाद..
जैन सज्जन राज मेहता
सामाजिक कार्यकर्ता..
बैंगलोर
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