Friday, March 30, 2012

'जल ही जीवन है ' इसे कदापि व्यर्थ ना गंवाए..

'जल ही जीवन है ' इसे कदापि व्यर्थ ना गंवाए..




हम हर त्यौहार को मनाते है, पर आइये इस बार त्यौहार के साथ सामजिक पहलू को भी छुए तथा भगवान् महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव के दिन संकल्प ले कि विश्व पर आ रहे जल के संकट के मद्दे नजर हम भी जल संरक्षण की मुहिम में एक जागरुक नागरिक क़ी भांति सहर्ष सकारात्मक सहयोग प्रदान करेंगे.
हम समाज के हर तबके को 'जल ही जीवन है ' इसे कदापि व्यर्थ ना गंवाए.. से अवगत करने क़ी सफल चेष्टा करे..आपकी जानकारी के लिए जैन समाज के हजारों साधू-संत जीवन पर्यंत पूर्ण स्नान का त्याग पालते है तथा उनको लाखो सुश्रावक-सुश्रविका भी कुछ शर्तों के साथ निभाते है...जैन समाज के मूल सिधांत 'अपरिग्रह' के तहत किसी भी वस्तु का जरुरत से ज्यादा संग्रह या उपयोग वर्जित है..किसी भी वस्तु का सद्य्पयोग ही जायज है..

पानी बचाने के संकल्प का दिन।
पानी के महत्व को जानने का दिन और पानी के संरक्षण के विषय में समय रहते सचेत होने का दिन।
प्रकृति के ख़ज़ाने से हम जितना पानी लेते हैं हमारी ज़िम्मेदारी है कि उसका सदुपयोग करें।
सबसे पृथ्वी पर सभी प्राकृतिक संसाधनों के बीच सबसे आवश्यक पानी है|
पानी की एक बूंद प्यासे आदमी के लिए सोने की एक बोरी से अधिक मूल्य की है|
यदि हम में से हर एक को आज के लिए पानी को बचाने के प्रयास करें तभी हम बाद में बचत कर पायेंगे।
जल संरक्षण के लिए सबसे प्रभावी और पर्यावरण ध्वनि करने के लिए ग्लोबल वार्मिंग से लड़ने विधि है।
जल संरक्षण से ही हम पानी की कमी को कम कर सकते हैं।
जल संरक्षण अपने पीने के पानी की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करता है|

आईये हम पानी को बचाने के लिए भी कुछ आसान उपाय देखें।
1) नल से पानी की रिसाव से बचें।विशेष रूप से बंद का उपयोग करें जब आप अपने दाँत ब्रश या कपड़े धोने में जब नल चालू नहीं रख़ें।
2) वर्षा से जल संरक्षण करें।
3)पानी की आपूर्ति के उन क्षेत्रों में जो असीमित पानी की आपूर्ति प्राप्त है में सीमित होना चाहिए.
4)शौचालयों में पानी की रिसाव की जाँच करें।
5)ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को इस का मूल्य समझायें।
6) मीडिया और दीवार पोस्टर के माध्यम से पानी के संरक्षण को बढ़ावा दें।
7) फेंके जा रहे पानी का उपयोग करें जो व्यर्थ फेंक दिया जाता है तथा जिससे बागवानी और सफाई के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है
8)कार या गाडी धोते समय नली के बजाय एक झाड़ू का या पोछे का उपयोग करना बहेतर होगा।

पानी को व्यर्थ न गवायें
जल ही जीवन है… इसे व्यर्थ न गवायें

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