Monday, February 25, 2013

जय जिनेन्द्र का महत्त्व

जय जिनेन्द्र का महत्त्व ''जय जिनेन्द्र'' कहना जैनत्व की प्रमुख पहचान है। हम पूरे दिन में शायद भगवान का स्मरण करने के लिए समय न निकल पाए , लेकिन जय जिनेन्द्र कहने से हम स्वतः जिनेन्द्र परमात्मा को नमस्कार करते हैं। वो भी सिर्फ एक या 2 तीर्थंकर को नहीं, बल्कि भूत, भविष्य व वर्तमान के सभी तीर्थंकर की जय बुलाने का लाभ मिलता है। एवं जिसे हम जय जिनेन्द्र कह रहे हैं , उसकी आत्मा भी ''जिन'' बनने का सामर्थ्य रखती है। तो हम उस जिन को भी वंदन करते है और उसकी आत्मा से भी सम्बन्ध जोड़ , मैत्री भाव भा पाते हैं।

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