मनुष्यों को नौ तरह के स्वप्न आते है ;-अनुभव किया हुआ;सुना हुआ;देखा हुआ;प्रकृति के विकास से उत्पन्न हुआ;धर्म कार्य के प्रभाव से;पाप के उदय से;चिंता की परंपरा से;देवता के उपदेश से और स्वभाव से उत्पन्न हुए..पहले ६ प्रकार के स्वप्नों से देखा हुआ स्वप्न निष्फल जाता है और बाद के तीन प्रकार के देखे हुए स्वप्न फलदायी होते है..रात्रि के चारो प्रहरों में देखा हुआ स्वप्न बारह,छह,तीन तथा एक मास में अनुक्रम से फलदायक होता है..रात्री की अंतिम दो घड़ियों में देखा हुआ स्वप्न दस दिन में ही फल देता है तथा सूर्योदय के समय देखा हुआ स्वप्न निश्चय ही तुरंत फलदायक होता है ॥
माता त्रिशला ने भी ये चौदह ही प्रशस्त महास्वप्न देखे थे .''.स्वप्न लक्षण पाठको ने उस समय फरमाया था -आपको अर्थ का लाभ,भोग का लाभ, पुत्र का लाभ, सुख का लाभ और राज्य का लाभ होगा.आपके कुल में ध्वज समान, दीपक समान,मुकुट समान,पर्वत समान,तिलक समान,कुल की कीर्ति करने वाला ,कुल का निर्वाह करने वाला.कुल में सूर्य समान,कुल का आधाररूप, कुल का यश कराने वाला, कुल के वृक्ष के समान,कुल की परंपरा को बढ़ाने वाला ,सुकोमल हाथ पैर वाला ,परिपूर्ण पंचेन्द्रिय युक्त शरीर वाला,लक्षण और व्यंजनों के गुणों से युक्त,मान-उनमान के प्रमाण परिपूर्ण और achchi तरह प्रकट हुए अवयवों से सुन्दर अंगो वाला चन्द्र समान मनोहर आकृति वाला,प्रिय,प्रियदर्शन और सुन्दर रूपवाला ऐसे पुत्र को जन्म देगी तथा वह पुत्र बाल्य वस्था पूर्ण कर परिपक्व विज्ञानं वाला होगा,यौवनावस्था को प्राप्त होगा तथावः charon दिशाओं का स्वामी चक्रवर्ती होगा या तीन लोक का नायक धर्म चक्रवर्ती,चार गति का नाश करने वाला धर्म चक्र का प्रवर्तन करके तीर्थंकर बनेगा॥''
चौदह स्वप्नों का पृथक-पृथक फल
१..चार हाथ वाला हाथी देखने से वह चार प्रकार के धर्म को कहने वाला होगा॥
२..वृषभ को देखने से वह इस भरत क्षेत्र से बोधी बीज का वपन करेगा॥
३..सिंह के देखने से वह कामदेवादिक जो उन्मत्त हाथी है, जिनसे भवजीव रूपी वन नष्ट होता है उन्हें मर्दन कर भव्य जीवो का रक्षण करेगा॥
४..लक्ष्मी देखने से वार्षिक दान देकर तीर्थंकर पद के अपार ऐश्वर्य का उपभोग करेगा..
५..माला देखने से तीनो भुवन के मस्तक पर धारण करने योग्य arthaat त्रिलोक पूज्य होगा॥
६..चन्द्रमा देखने से भव्य जीव रूप चंद्रविकासी कमलों को विकसित करने वाला होगा-जगत को आल्हाद देने वाला होगा॥
७..सूर्य देखने से कान्ति के मंडल से विभूषित होगा,अज्ञान अन्धकार को नष्ट करके ज्ञान का प्रकाश करेगा॥
८..ध्वज को देखने से वह धर्म-ध्वज से विभूषित होगा,धर्म-ध्वजा को विश्व में लहराएगा॥
९..कलश देखने से धर्म रूपी प्रासाद के शिखर पर कलश रूप होगा॥
१०..पद्म सरोवर देखने से देवताओ द्वारा संचारित किये हुए कमलों पर वह विचरेगा ॥
११..समुद्र को देखने से वह केवल ज्ञान केवल दर्शन गुण रूप रत्नों के स्थान समान होगा॥
१२..देव-विमान देखने से वह वैमानिक देवताओ का पूजनीय होगा॥
१३..रत्न राशी देखने से वह रत्नों जडित तीन गढ़ युक्त समवसरण से विभूषित होगा॥
१४..निर्धूम अग्नि देखने से वह भव्यजन रूप सुवर्ण को शुद्ध करने वाला होगा॥
चौदह स्वप्नों का सम्मिलित फल यह है कि चौदह राजलोकात्मक लोक के अग्रभाग पर रहने वाला arthaat सिद्ध शीला पर रहने वाला होगा...
उपरोक्त तथ्यों से वर्णित होता है कि हमारे लिए इन चौदह स्वप्नों का कितना विशेष महत्व है..कहावत है कि ''जैसा अन्न वैसा मन''arthaat अगर यूँ कहे कि जैसा देखेंगे वैसी ही हमारी सोच होगी ..''जैसी दृष्टी वैसी सृष्टि'...इसी परम लक्ष्य के ध्यानार्थ इस बार जैन युवा संगठन ने ''चौदह स्वप्न 'आप श्री को स्मृति चिन्ह के रूप में उपलब्ध कराया है...
आशा ही नहीं,परम विश्वास है कि आप इसे सराहेंगे...जय जिनेन्द्र ..जय महावीर ॥
संकलन
जैन सज्जन राज मेहता
With elections to the Bruhat Bangalore Mahanagara Palike (BBMP) fast approaching, the Chickpet ward under Gandhinagar Assembly constituency has come under sharp focus. This trader-dominated area has few, if any civic amenities.
A walk along BVK Iyengar road confirms the problems narrated by the trading community. Businessmen are in perennial fear of losing their customers in this area. 


