Indian textile units exporting to the US and Europe are once again facing the low or no order situation in the wake of another global economic slowdown. To add to their woes, exports to other destinations like Russia and Japan have also shown slump in new orders. If the current situation persists, forget about hiring new recruits, some textile units fear a total shut down of their businesses.
To keep the business running, firms decided to focus domestic markets, as suggested by experts during the last recessionary phase but this step too would not help much with Bangladesh dumping cheaper apparel items in India under the duty free access granted to them recently. In fact, some exporters have already begun visiting Bangladesh to take advantage of the low labour and production cost to be competitive against Bangladesh imports.There has been a slowdown in demand in the Europe and the US, which has resulted in textile units having low task at hand these days. The units have already started reducing working hours from six days to four to five days a week and there is no new recruitment happening.
In the domestic retail and wholesale, the festive seasons have failed as these festivals have lost the importance from the business point of view..General importance is there..which cant be ruled out as we participate in poojas and seeing each other on these days..Overall recession and inflation has added to it..GOVERNMENT HAS TO SERIOUSLY CONSIDER THE GENUINE DEMANDS OF THE GARMENT TRADE AND INDUSTRY TO HELP INDIAN ECONOMY AS AFTER AGRICULTURE OUR INDUSTRY IS PROVIDING MAXIMUM JOB OPPORTUNITIES, SPECIALLY TO THE WEAKER SECTOR OF THE SOCIETY..
Thanks a lot..
Thursday, October 27, 2011
Monday, October 24, 2011
जन्म दिन मुबारक
सौ बधाई तुम्हें,
सौ बधाई तुम्हें।
आज आनन्द का घन गगन छा गया,
सौ बधाई तुम्हें,
सौ बधाई तुम्हें।
दे बधाई तुम्हें आज प्रातः किरण,
दे बधाई तुम्हें आज अम्बर-पवन,
दे बधाई तुम्हें भूमि होकर मगन।
दे बधाई तुम्हे आज समस्त मेहता परिवार
फूल कलियां खिलें,
आज तुमको सभी की दुआएँ मिलें,
तुम कमाओ , खूब कमाओ ,
खूब आगे बढ़ो,
खूब ऊपर चढ़ो,
बाप-मां,हम खुश रहें,
काम ऐसा करो, लोग अच्छा कहें।
जन्मदिन तथा दिवाली की हार्दिक शुभकामनाये ....
--
सज्जन राज मेहता
प्रमिला मेहता,मीनल मेहता, अंकुश मेहता
सौ बधाई तुम्हें,
सौ बधाई तुम्हें।
आज आनन्द का घन गगन छा गया,
सौ बधाई तुम्हें,
सौ बधाई तुम्हें।
दे बधाई तुम्हें आज प्रातः किरण,
दे बधाई तुम्हें आज अम्बर-पवन,
दे बधाई तुम्हें भूमि होकर मगन।
दे बधाई तुम्हे आज समस्त मेहता परिवार
फूल कलियां खिलें,
आज तुमको सभी की दुआएँ मिलें,
तुम कमाओ , खूब कमाओ ,
खूब आगे बढ़ो,
खूब ऊपर चढ़ो,
बाप-मां,हम खुश रहें,
काम ऐसा करो, लोग अच्छा कहें।
जन्मदिन तथा दिवाली की हार्दिक शुभकामनाये ....
--
सज्जन राज मेहता
प्रमिला मेहता,मीनल मेहता, अंकुश मेहता
Wednesday, October 12, 2011
ऐसी नाकारा सरकार पहले कभी नहीं देखी
ऐसी नाकारा सरकार पहले कभी नहीं देखी
भ्रष्टाचार की बीमारी ने कितने लोगों के जीवन-रस को चूसकर नारंगी के छिलके की तरह दर-किनार कर दिया है..उनके अरमानो की होली जल चुकी है..भ्रष्टाचार इतनी चरम बुलंदी पर पहुँच चुका है क़ि हाई कोर्ट को भी उसपर अनचाही फ़ब्तिया कसनी पड रही है..,दिनों-दिन के व्यवहारों में यह इतना घुलमिल चुका है क़ि बिना इसके सांस लेना तक दूभर हो चुका है. राजस्थान सरकार हमारे जोधपुर के तथा कथित गौरव श्री अशोक जी गहलोत के नेत्रत्व में हाथ पर हाथ धरे बैठी है क्योंकि हमाम में तो सब नंगे जो है.ऊपर से नीचे तक रेवडिया सब के बीच बराबर बटती जाती है तथा खून के आंसू रोने के लिए बचता है बेचारा लाचार नागरिक . इन नकाबपोश अपराधियों को सरकार जितनी सख्त सजा दे कम है वरना उनके होंसले युही बुलंदी पर चढ़ते रहेंगे.समय का तकाजा है कि किसी भी तरह के भ्रष्टाचार को आम जनता बढ़ावा नहीं दे ओर शुरुआत स्वयं से होनी चाहिए..जिस समाज ने हमें स्रष्टि का सर्वोतम वरदान बनने के अनुकूल बनाया , उसके प्रति हमारे कितने उत्तर-दायित्व है ,इसे हमें कदापि नहीं भुलना चाहिए.
जब खिले हुए कमलों को पाला मार जाये तब प्रातःकालीन सूर्य क़ी प्रखरता उन्हें खिला नहीं पाती अतः सही समय पर भ्रष्टाचार रूपी दीमक पर अंकुश लगा कर ही देश के उज्जवल भविष्य क़ी छवि अखंड रखी जा सकती है..यह समस्त शस्य श्यामला वसुधा एक ही है ओर इस पर बसर करने वाले हम सब एक परिवार के सदस्य है ,इस अवधारणा का पल्लवन ही भ्रष्टाचार क़ी विभीषिका को दूर करने में सहायक हो सकता है..
जय हिंद...वन्दे मातरम...
भ्रष्टाचार की बीमारी ने कितने लोगों के जीवन-रस को चूसकर नारंगी के छिलके की तरह दर-किनार कर दिया है..उनके अरमानो की होली जल चुकी है..भ्रष्टाचार इतनी चरम बुलंदी पर पहुँच चुका है क़ि हाई कोर्ट को भी उसपर अनचाही फ़ब्तिया कसनी पड रही है..,दिनों-दिन के व्यवहारों में यह इतना घुलमिल चुका है क़ि बिना इसके सांस लेना तक दूभर हो चुका है. राजस्थान सरकार हमारे जोधपुर के तथा कथित गौरव श्री अशोक जी गहलोत के नेत्रत्व में हाथ पर हाथ धरे बैठी है क्योंकि हमाम में तो सब नंगे जो है.ऊपर से नीचे तक रेवडिया सब के बीच बराबर बटती जाती है तथा खून के आंसू रोने के लिए बचता है बेचारा लाचार नागरिक . इन नकाबपोश अपराधियों को सरकार जितनी सख्त सजा दे कम है वरना उनके होंसले युही बुलंदी पर चढ़ते रहेंगे.समय का तकाजा है कि किसी भी तरह के भ्रष्टाचार को आम जनता बढ़ावा नहीं दे ओर शुरुआत स्वयं से होनी चाहिए..जिस समाज ने हमें स्रष्टि का सर्वोतम वरदान बनने के अनुकूल बनाया , उसके प्रति हमारे कितने उत्तर-दायित्व है ,इसे हमें कदापि नहीं भुलना चाहिए.
जब खिले हुए कमलों को पाला मार जाये तब प्रातःकालीन सूर्य क़ी प्रखरता उन्हें खिला नहीं पाती अतः सही समय पर भ्रष्टाचार रूपी दीमक पर अंकुश लगा कर ही देश के उज्जवल भविष्य क़ी छवि अखंड रखी जा सकती है..यह समस्त शस्य श्यामला वसुधा एक ही है ओर इस पर बसर करने वाले हम सब एक परिवार के सदस्य है ,इस अवधारणा का पल्लवन ही भ्रष्टाचार क़ी विभीषिका को दूर करने में सहायक हो सकता है..
जय हिंद...वन्दे मातरम...
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