ऐसी नाकारा सरकार पहले कभी नहीं देखी
भ्रष्टाचार की बीमारी ने कितने लोगों के जीवन-रस को चूसकर नारंगी के छिलके की तरह दर-किनार कर दिया है..उनके अरमानो की होली जल चुकी है..भ्रष्टाचार इतनी चरम बुलंदी पर पहुँच चुका है क़ि हाई कोर्ट को भी उसपर अनचाही फ़ब्तिया कसनी पड रही है..,दिनों-दिन के व्यवहारों में यह इतना घुलमिल चुका है क़ि बिना इसके सांस लेना तक दूभर हो चुका है. राजस्थान सरकार हमारे जोधपुर के तथा कथित गौरव श्री अशोक जी गहलोत के नेत्रत्व में हाथ पर हाथ धरे बैठी है क्योंकि हमाम में तो सब नंगे जो है.ऊपर से नीचे तक रेवडिया सब के बीच बराबर बटती जाती है तथा खून के आंसू रोने के लिए बचता है बेचारा लाचार नागरिक . इन नकाबपोश अपराधियों को सरकार जितनी सख्त सजा दे कम है वरना उनके होंसले युही बुलंदी पर चढ़ते रहेंगे.समय का तकाजा है कि किसी भी तरह के भ्रष्टाचार को आम जनता बढ़ावा नहीं दे ओर शुरुआत स्वयं से होनी चाहिए..जिस समाज ने हमें स्रष्टि का सर्वोतम वरदान बनने के अनुकूल बनाया , उसके प्रति हमारे कितने उत्तर-दायित्व है ,इसे हमें कदापि नहीं भुलना चाहिए.
जब खिले हुए कमलों को पाला मार जाये तब प्रातःकालीन सूर्य क़ी प्रखरता उन्हें खिला नहीं पाती अतः सही समय पर भ्रष्टाचार रूपी दीमक पर अंकुश लगा कर ही देश के उज्जवल भविष्य क़ी छवि अखंड रखी जा सकती है..यह समस्त शस्य श्यामला वसुधा एक ही है ओर इस पर बसर करने वाले हम सब एक परिवार के सदस्य है ,इस अवधारणा का पल्लवन ही भ्रष्टाचार क़ी विभीषिका को दूर करने में सहायक हो सकता है..
जय हिंद...वन्दे मातरम...
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