Monday, November 8, 2010

प्रतिबंधित आतंकी संगठन नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रोंत ऑफ़ बोडोलैंड द्वारा एक और हमले में हमारे १८ हिंदी भाषी नागरिकों की दर्दनाक हत्या ने कई सवाल खड़े कर दिए है और गृह मंत्रालय के रवैया पर एक प्रश्न चिन्ह उभर रहा है कि वे कब तक हाथ पर हाथ धरे यूँ ही तमाशबीन बनकर कभी मासूम जनता और कभी निर्दोष जवानों कि akaal म्रत्यु पर घडियाली आंसू बहाते रहेंगे..समय का तकाजा है कि सरकार जागे और नक्सलियों को नेस्तनाबूद करने हेतु सर्वस्व न्यौछावर कर दे तथा जवाबी कारवाई को अतिशीघ्र अंजाम देवें..गृह मंत्रालय का दायित्व है कि वह यह सुनिश्चित करे कि राज्य-सरकार ओर केंद्रीय सरककर के दरम्यान बेहतर तालमेल हो तथा उस के द्वारा नक्सलवाद या आतंकवाद को जड़ से समाप्त करे..इससे पहले कि जनता का विशवास सरकार खो दे,सरकार जरुरी तत्परता दिखा कर खोया हुआ विशवास प्राप्त कर सकती है ओर जनता को सुकून कि सांस पहुंचा सकती है..

इस बेरहम हत्याकांड की जितनी भर्तसना की जाए, कम है ओर दिवंगत आत्माओ को हार्दिक श्रधांजलि अर्पित करते है..निर्दोषो की हत्या कतई बर्दास्त नहीं की जा सकती है तथा जवाबी कारवाई की सख्त जरुरत है..

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सज्जन राज मेहता
अध्यक्ष..जैन युवा संगठन ,बन्गलोर

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