Sunday, April 10, 2011

भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम

अन्ना हजारे जी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चलाई हैं। वह गुस्से में हैं। उनकी चेतावनी से फिलहाल केंद्र सरकार हिल गई है। पहले भी वह महाराष्ट्र सरकार के पांच मंत्रियों की बलि ले चुके हैं। प्रधानमंत्री ने अन्ना से इस बारे में बातचीत की है। आश्वासन भी दिया है, लेकिन अन्ना तो अन्ना हैं। कहा है कि ठोस कुछ नहीं हुआ तो वह दिल्ली को हिला देंगे। अन्ना ने आज तक जो सोचा है, उसे कर दिखाया है। उन्होंने शराब में डूबे अपने पथरीले गांव रालेगन सिद्धि को दुनिया के सामने एक मॉडल बनाकर पेश किया। रामराज के दर्शन करने हैं तो उसे देखा जा सकता है। इस काम के लिए भारत सरकार ने उन्हें पद्मभूषण से भी सम्मानित किया। सूचना के अधिकार की लड़ाई में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।समस्त देशवासियों के मन में विद्रोह की एक चिंगारी सुलग रही थी पर सही वक़्त पर नब्ज की पहचान की छोटे गाँधी अन्ना ने तथा देश ने भरपूर प्यार ओर सहकार दिया कि सरकार के रोंगटे खड़े ह़ो गए.. इससे पहले कि चिंगारी धधकती ज्वाला का रूप धारण करे तथा बाहर के कुछ देशो में जो भीषण विदोह का परचम लहराया था उसी तरह का सरकार का यहाँ कुछ तख्ता पलट सुसंपन्न हो ,सरकार की तीसरी आँख खुल गयी ..फिलहाल गेंद सरकार के पाले में है...जनता -जनार्दन की भावनात्मक अभिव्यक्तियों से खेलने का दुस्साहस सरकार दुबारा ना करे तो बेहतर वर्ना जो भ्रष्टाचार के खिलाफ जनमत की हुंकार या बिगुल बज चुका है वह थमने वाला नहीं है..समय रहते सकारात्मक कार्यक्रमों से राजनितिक बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो और जनहित के कल्याण की मंगल मनीषा लिए सरकार तत्परता का प्रदर्शन करे तो सोने में सुहागा होगा...
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सज्जन राज मेहता
सामाजिक कार्यकर्ता
बंगलौर

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