Tuesday, July 5, 2011

जिस देश की धरती प्रतीक्षा के पलक-पावडे बिछाये हुए मात्रकुक्षी से अवतरण के पश्चात् हमारे स्वागत सत्कार के लिए आकुल-व्याकुल रहती है,अपनी स्वच्छ जलवायु से हममे नवजीवन का संचार कराती है,अन्न,फल,जल,दूध ओर वनस्पति प्रदान कर हमारा पोषण वर्धन कराती है,वह हमारी जन्मदात्री माता से कम महत्त्व की अधिकारिणी ह़ो,ऐसा नहीं कहा जा सकता..माँ यदि जन्म दात्री है तो देश की धरती जीवनदायी..अतः;हमारे मन में उनके प्रति आदर के फूल ना खिले,पूजा के दीप ना जले तो यह अस्वाभाविक है..पृथ्वी हमारी माता है ओर इसके निवासी हमारे पुत्र..

सच्चा देशभक्त अपना सर्वस्व अपनी मात्रभूमि के पावन चरणों पर न्योछावर कर देता है..उसे ना तो राजभवन का सुख लुभाता है,ना कांटी की चुभन सताती है..ऐसे देशभक्त मात्रभूमि का अनादर कभी बर्दाश्त नहीं कर सकते ..चाहे भ्रष्टाचार की सुनामी ह़ो,पडोसी देशो का आतंक ह़ो या अंदरूनी देश के गद्दार आतंकवादियों की देश विरोधी गतिविधिया,ऐसे देशभक्तों की आँखों में अंगार दहकने लगता है..जब-जब देश पर संकट के बादल मंडराते है, ऐसे ही देशभक्त द्रष्टिगोचर होते है तथा इन्ही देश भक्तों से देश का गौरव अशुक्ष्ण रहता है..भाई गुलाब जी कोठारी साहिब ने निरंतर मुहिम का आगाज किया है.एक हुंकार भरी है और भरते रहेंगे....हमारा समर्थन शायद एक नई रोशनी का संचार करा सकता है तथा राजस्थान पत्रिका नामक चिंगारी मशाल के रूप में प्रज्ज्वलित ह़ो सकती है यदि संगठित ओर समन्वित प्रयास ह़ो तथा मीडिया का पुरजोर समर्थन ह़ो ..

शहीदों की मजारो पर लगेंगे हर बरस मेले

वतन पे मरने वालों का यहीं बाकी निशाँ होगा

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सज्जन राज मेहता
सामाजिक कार्यकर्ता
बंगलौर

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