Sunday, July 31, 2011

BJP FINALLY SUCCEEDS IN MOTIVATING B.S.YEDDYURAPPA TO RESIGN FROM THE CHIEF MINISTER-SHIP AS HE WAS FACING SEVERE CORRUPTION CHARGES..NOW BJP & NDA HAS PUT THE BALL IN CONGRESS PARTY'S COURT AS IN UPA GOVERNMENT HON'BLE.P.M AND HOME MINISTER ARE REGULARLY BEING CHARGED BY EX UNION MINISTER RAJA AND PARLIAMENT WILL WITNESS THE STORMY DEBATES..ANNA HAJARE AGAIN HAS ALREADY DECLARED FASTING ON LOKPAL ISSUE FROM AUGUST 16TH AND UPA GOVERNMENT NEEDS TO ACT..THIS UNION GOVERNMENT HAS FACED MAXIMUM SCAMS AND SCANDALS...WHOEVER THE CORRUPT,HOWEVER THE BIG HE MAY BE,SHOULD BE PROSECUTED..

WHAT WE NEED IS OVERALL DEVELOPMENT OF OUR COUNTRY AND BETTER ADMINISTRATION OF THE GOVERNMENT BY NON-CORRUPT POLITICIANS AND GOVERNMENT OFFICERS..

Sajjan Raj Mehta

Saturday, July 30, 2011

Government fighting corruption like the mafia fighting the crime these days..Trying to curb the corruption by appointing committees is like giving a drunk another drink to sober him up..Government is continually appointing fact finding committees when what they really need are some fact-facing committees..If Government can't win the war against the unnecessary corruption than who ? FACTS OR REPORTS MEAN NOTHING UNLESS THEY ARE RIGHTLY UNDERSTOOD,RELATED AND INTERPRETED...WE NEED POSITIVE ACTION..

Wednesday, July 27, 2011

कर्णाटक के मुख्यमंत्री पर रिपोर्ट पेश किये जाने के पहले से ही त्यागपत्र की मांगे जोर पकड़ चुकी है पर क्या कांग्रेस पार्टी राजा द्वारा माननीय प्रधान मंत्री ओर गृह मंत्री पर लगाये आरोपों पर उतनी ही सक्रियता बरतने हेतु तत्पर है..राजनीति से प्रेरित बयानबाजिया जन-जन को आंदोलित कर रही है तथा देर सवेर हर भ्रष्टाचारी राजनीतिज्ञ को समुचित खामियाजा भुगतना ही होगा..किसी भी राज्य या देश के शिखर पर आरोपित राजनीतिज्ञ का सत्तासीन होना सुखदायी माना नहीं जा सकता..हेगड़े जी ने भी लोकपाल बनने की मंशा से समझोते किये है तथा कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं को बचने की कुचेष्टा परिलक्षित ह़ो रही है..

Thursday, July 14, 2011

JAIN DEVOTEES IN THEIR JAIN ATTIRE ARE FOLLOWING JAIN SAINT SRI GAUTAM MUNI AT HANUMANT NAGAR

JAIN DEVOTEES IN THEIR JAIN ATTIRE ARE FOLLOWING JAIN SAINT SRI GAUTAM MUNI AT HANUMANT NAGAR


The meaning of Chaturmas is “Four Months”. Chaturmas begins on Ekadashi of Ashadha month and ends on Ekadashi of Kartik month. These four holy months have much importance in Jain religion of India.During chaturmas jain Muni, saints and there followers follows the principles of non violence strictly and thus they stay at a single place for four months. during the stay Jain Muni and Saints tell religious and knowledgeable facts of Life science to people.

Hanumant nagar,Basavangudi is lucky this year to have chaturmaas of eminent jain saint Sri Gautam Muni & Sri Vaibhav Muni this year..Jain chaturmaas will start on 14.7.11 at Hanumant nagar jain sthanak..

Today,Wednesday,July'13th at sharp 9.00am "NON-VIOLENCE RALLY"started from Chamrajpet jain sthanak ,4th main road,Chamrajpet under the auspicious presence of many jain saints alike SRI VINAY MUNI JI,SRI PRAVIN RISHIJI,MAHASATI SATYAPRABHAJI,MAHASATI SUPRABHA JI ETC..BASAVANGUDI M.L.A SRI RAVI SUBRAMANIYAM,JAIN CONFRENCE PRESIDENT SRI KESARI MAL JI BURAD & hundreds of jain disciples from the jain community participated.

SRI VARDHMAN STHANAKVASI JAIN SHRAVAK SANGH,HANUMANT NAGAR extended warm welcome to one and all & requested for their kind presence in 4 months chaturmaas also and to take part in other activities during chaturmaas..Eminent Jain Saint Sri Gautam Muni & Sri Vaibhav Muni will stay at Hanumant nagar for four months & will deliver the lecture everyday at 9.30am sharp..Chief guest Sri Ravi Subramaniam,MLA,Basavangudi took the blessings of Jain saints and appreciated the efforts of Jain saints and jain community in nation building activities..Jain saint Gautam Muni emphasised on strict disciplinary life and motivated one and all to adopt jain principles to improve the basic life style..Sri Pravin Rishi ji informed about the courses to improve relations and importance of fasting..Sri Vinay Muniji who will be having his chaturmaas at Heerabagh blessed the gatherings..Sri G.C.Singhvi,President,weicomed the gathering and Sri Padam Raj Mehta,Secretary thanked the gathering..

KINDLY COVER THE AUSPICIOUS EVENT IN WHICH HUNDREDS OF DEVOTEES PARTICIPATED TO SPREAD THE MESSAGE OF NON-VIOLENCE & WORLD PEACE FOR BETTER HARMONY AMONG US..

KINDLY FIND HEREWITH ENCLOSED PHOTOS IN WHICH HUNDREDS OF JAIN DEVOTEES IN THEIR JAIN ATTIRE ARE FOLLOWING JAIN SAINT SRI GAUTAM MUNI FOR ''CHATURMASIC ENTRANCE''..


Sajjan Raj Mehta
Chairman..Media cell
SRI VARDHMAN STHANAKVASI JAIN SHRAVAK SANGH,HANUMANT NAGAR.
BANGALORE
9845501150

Monday, July 11, 2011

The meaning of Chaturmas is “Four Months”. Chaturmas begins on Ekadashi of Ashadha month and ends on Ekadashi of Kartik month. These four holy months have much importance in Jain religion of India.During chaturmas jain Muni, saints and there followers follows the principles of non violence strictly and thus they stay at a single place for four months. during the stay Jain Muni and Saints tell religious and knowledgeable facts of Life science to people.

Hanumant nagar,Basavangudi is lucky this year to have chaturmaas of eminent jain saint Sri Gautam Muni & Sri Vaibhav Muni this year..Jain chaturmaas will start on 14.7.11 at Hanumant nagar jain sthanak..Tomorrow,Wednesday,July'13th at sharp 9.00am "NON-VIOLENCE RALLY" will start from Chamrajpet jain sthanak ,4th main road,Chamrajpet under the auspicious presence of many jain saints alike SRI VINAY MUNI JI,SRI PRAVIN RISHIJI,MAHASATI SATYAPRABHAJI,MAHASATI SUPRABHA JI ETC..BASAVANGUDI M.L.A SRI RAVI SUBRAMANIYAM,JAIN CONFRENCE PRSIDENT SRI KESARI MAL JI BURAD & entire jain community will grace the occasion..

SRI VARDHMAN STHANAKVASI JAIN SHRAVAK SANGH,HANUMANT NAGAR extends warm welcome to one and all & request for their kind presence in tomorrow's function and during chaturmaas..Eminent Jain Saint Sri Gautam Muni & Sri Vaibhav Muni will stay at Hanumant nagar for four months & will deliver the lecture everyday at 9.30am sharp..

KINDLY DEPUTE THE REPORTER & PHOTOGRAPHER TO COVER THE AUSPICIOUS EVENT IN WHICH HUNDREDS OF DEVOTEES WILL PARTICIPATE TO SPREAD THE MESSAGE OF NON-VIOLENCE & WORLD PEACE FOR BETTER HARMONY AMONG US..


Sajjan Raj Mehta
Chairman..Media cell
SRI VARDHMAN STHANAKVASI JAIN SHRAVAK SANGH,HANUMANT NAGAR.
BANGALORE
9845501150
प्रेस-समाचार ओर आमंत्रण

धर्म क्षेत्र हनुमंतनगर जैन स्थानक के पावन प्रांगन में भव्य चातुर्मासिक मंगल प्रवेश पर भाव-भीना आमंत्रण

धर्मक्षेत्र हनुमंत नगर के पुण्योदय से ध्यान योगी आचार्य प्रवर डॉ.श्री शिव मुनिजी म.सा एवं जैन धर्म दिवाकर श्रधेय श्री चोथमल जी म.सा. के आज्ञानुवर्ती मेवाड भूषण पूज्य गुरुदेव श्री प्रताप मल जी म.सा. के सुशिष्य श्रमण संघीय उपप्रवर्तक पूज्य श्री गौतम मुनिजी म.सा "प्रथम" एवं सेवाभावी पूज्य श्री वैभव मुनिजी म.सा.आदि ठाना-२ के सन २०११ के चातुर्मास का लाभ श्री वर्धमान स्थानक वासी जैन श्रावक संघ को प्राप्त हुआ है ..मंगल प्रवेश का कार्यक्रम बुधवार दिनाक १३.७.११ को सवेरे ठीक ८.३० बजे श्रमण संघीय उप प्रवर्तक सलाहकार परम श्रधेय श्री विनय मुनि जी म.सा,श्रमण संघीय उपाध्याय प्रवर प.पु.श्री प्रवीण ऋषि जी ,दक्षिण दीपिका,उप प्रवर्तिनी श्री सत्याप्रभाजी म.सा आदि ठाना ,महासतिजी श्री सुप्रभाजी म.सा के प्पवन सानिध्य में रखा गया है ..अहिंसा यात्रा प्रातः;८.३० बजे चामराज पेट जैन स्थानक,चोथा मेन रोड ,चामराजपेट से चतुर्विध जैन संघ की समुपस्थिति में प्रारंभ होकर बुल टेम्पले रोड,रामकृष्ण आश्रम,syndicate बैंक होते हुए श्री पन्नालाल चोरडिया जैन भवन ,हनुमंत नगर में वर्षावास हेतु पहुंचेगी तथा वहां पर सभा में परिवर्तित ह़ो जायेगी.संघ के अध्यक्ष श्री घेवर चंद जी सिंघवी ओर मंत्री श्री पदम् राज जी मेहता ने सभी से सहयोग की अपाल की है. .इस सुअवसर पर बसवंगुदी के विधायक श्री रवि सुब्रमनियम,आल इंडिया जैन कांफ्रेंस के अध्यक्ष श्री केसरी मल जी burad तथा जैन कांफ्रेंस के समस्त पदाधिकारिगन तथा समस्त जैन संस्थाओ के पदाधिकारिगन,सदस्यगण सम्मिलित होकर जिनशासन की शान में अभिव्रधि करेंगे..इस मांगलिक प्रसंग पर सपरिवार सामयिक गणवेश में पधारकर "अहिंसा यात्रा" एवं हनुमंत नगर श्री संघ की शोभा में चार-चंद लगाये..मंगल प्रवचन एवं गुरु-भगवन्तो के आशीर्वचन-ओर मांगलिक के पश्चात् गौतम प्रसादी का आयोजन रखा गया है..आप समस्त सादर आमंत्रित है तथा संघ को सेवा का सुअवसर प्रदान करावे..
कृपया कर इस कार्यक्रम में पधारे तथा अच्छी कवरेज से लाभान्वित करे.

सदा की तरह पुरे चातुर्मास में आप श्री का सहयोग हमे प्राप्त ह़ो,आप भी ओर ज्यादा यशस्वी बने,यही मंगल भावना भाता हू..

Thursday, July 7, 2011

जैन धर्म में चातुर्मास का महत्त्व

जैन धर्म में चातुर्मास का महत्त्व

जैन धर्म में इसे सामूहिक वर्षायोग तथा चातुर्मास के रूप में जाना जाता है.. जैन धर्म में संन्यासियों, जैसे भटक भिक्षुओं का मानना ​​था कि बारिश के मौसम के दौरान, अनगिनत कीड़े, कीड़े और छोटे जीव को नग्न आंखों में नहीं देखा जा सकता है तथा वर्षा के मौसम के दौरान जीवो की उत्त्पति भी सर्वाधिक होती है.चलन-हिलन की ज्यादा क्रियाये इन मासूम जीवो को ज्यादा परेशान करेगी . अन्य प्राणियों को साधुओ के निमित से कम हिंसा ह़ो तथा उन जीवो को ज्यादा अभयदान मिले उसके द्रष्टिगोचर कम से कम तो वे चार महीने के लिए एक गांव या एक ठिकाने में रहने के लिए अर्थात विशेष परिस्थितिओं के अलावा एक ही जगह पर रह कर स्वकल्याण के उधेश्य से ज्यादा से ज्यादा स्वाध्याय,संवर,पोषद,प्रतिक्रमण,तप,प्रवचन तथा जिनवाणी के प्रचार-प्रसार को महत्व देते है.

.यह सर्व विदित ही कि साधुओ का कोई स्थायी ठोर-ठिकाना नहीं होता तथा जन कल्याण की भावना संजोये वे वर्ष भर एक ठिकाने से दुसरे ठिकाने तक पैदल चल चल कर श्रावक-श्राविकाओ को अहिंसा,सत्य,ब्रम्हचर्यका विशेष ज्ञान बांटते रहते है तथा पुरे चातुर्मास अर्थात 4 महीने तक एक क्षेत्र की मर्यादा में स्थाई रूप से निवासित रहते हुए जैन दर्शन के अनुसार मौन-साधना,ध्यान,उपवास, स्व अवलोकन की प्रक्रिया,सामयिक ओर प्रतिक्रमण की विशेष साधना,धार्मिक उदबोधन,संस्कार शिविरों से हर शक्श के मन मंदिर में जन-कल्याण की भावना जाग्रत करने का सुप्रयास जारी रहता है.. तिर्थंकरो ओर सिद्ध पुरुषों की जीवनियो से अवगत कराने की प्रक्रिया इस पुरे वर्षावास के दरम्यान निरंतर गतिमान रहती है तथा परिणिति सुश्रवाको तथा सुश्रविकाओ के द्वारा अनगिनत उपकार कार्यो के रूप में होती है..एक सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार पर्युषण पर्व की आराधना भी इसी दौरान होती है..पर्युषण के दिनों में जैनी की गतिविधि विशेष रहती है तथा जो जैनी वर्ष भर या पुरे चार माह तक कतिपय कारणों से जैन दर्शन में ज्यादा समय नहीं प्रदान कर पाते वे इन पर्युषण के ८ दिनों में अवश्य ही रात्रि भोजन का त्याग,ब्रम्हचर्य,ज्यादा स्वाध्याय,मांगलिक प्रवचनों का लाभ तथा साधू-संतो की सेवा में संलिप्त रह कर जीवन सफल करने की मंगल भावना दर्शाते है..

चातुर्मास का सही मूल्यांकन श्रावको ओर श्राविकाओ के द्वारा लिए गए स्थायी संकल्पों एवं व्रत प्रत्याखानो से होता है..यह समय आध्यात्मिक क्षेत्र में लगात्तर नई ऊँचाइयों को छुने हेतु प्रेरित करने के लिए है..अध्यात्म जीवन विकास की वह पगडण्डी है जिस पर अग्रसर होकर हम अपने आत्स्वरूप को पहचानने की चेष्टा कर सकते है.. साधू-साध्वियो के भरसक सकारात्मक प्रयांसो की बदोलत कई युवा धर्म की ओर उन्मुख होकर नया ज्ञान-ध्यान सीखकर स्वयं के साथ दूसरों के कल्याण की सोच हासिल करते है ..कई सुश्रावक-सुश्रविका पारंगत होकर स्वाध्यायी बनकर जिन क्षेत्रो में साधू-साध्वी विचरण नहीं कर रहे है,वहां जाकर स्वाध्याय तथा जन कल्याण की भावना का प्रचार प्रसार कर अपना जीवन संवार लेते है..सेकंडो जिज्ञासाओ को शांत करने का सुअवसर है ,चातुर्मास..स्वधर्मी के कल्याण की अलख जगाता है,चातुर्मास..जीवदया की ओर उन्मुख करता है चातुर्मास..तपस्वी तथा आचार्या भगवन्तो के पावन दर्शन से लाभान्वित होने का मार्ग है चातुर्मास..साहित्य की पुस्तकों से रूबरू होने का जरिया है,चातुर्मास..उपवास से कर्म निर्जरा का सन्मार्ग दिखाता है चातुर्मास..सम्यग ज्ञान ,दर्शन ओर चरित्र की पाटी पढ़ाता है,चातुर्मास..कई धार्मिक.शेक्षणिक शिविरों क़ी जन्मदात्री है,चातुर्मास..कई राहत कार्यों के आयोजनों का निर्माता है चातुर्मास..जन से जैन बने ,प्रेरणा दाई है चातुर्मास..

इस बार भी बन्गलोर का सौभाग्य है कि जैन धर्म के कई सम्प्रदायों के साधू-संतो ने यहाँ चातुर्मास फरमाया है तथा जैन समाज सक्रियता ओर तन्मयता से उसे सफलता क़ी ओर ले जाने को आतुर है तथा हर युवक,महिला,तथा बाल मंडल सहयोगी बनने को इच्छुक है ओर वरिष्ठ श्रावक-श्राविकाओ के साथ कंधे से कंधे मिला कर सेवाएं प्रदत्त करने को लालायित है..सामाजिक व्यवस्था से जुड़े होने के कारण समाज एवं संघ के सदस्यों को हमसे अपेक्षाए होना स्वाभाविक है,जिस पर हमारा द्रष्टिकोण सुधारात्मक ह़ो, सोने में सुहागा ह़ो जायेगा यदि हम सब मिलकर,अपनी-अपनी क्षमताओ का तड़का लगाकर कुछ सामाजिक रीति-रिवाजों में ह़ो रहे विलासिता-पूर्ण प्रदर्शनों पर अंकुश लगाने क़ी बात मिल कर सोचे तथा युवा वर्ग आगे बढ़कर जन हितार्थ कुछ पाबंदी क़ी सोचे..कोई भी निर्णय थोपा नहीं जाए पर आम सहमति क़ी चेष्टा कर सुप्रयांसो से समाज को तथा समज के वाशिंदों को अवगत कराया जा सके..परम हर्ष का विषय है समस्त मुनि वृन्द भी अतिरिक्त प्रयासों के लिए ज्यादा तत्पर है ओर उनका मार्गदर्शन तथा निर्देशन समाज में नई चेतना का संचार करेगा.सभी के उज्जवल भविष्य क़ी मंगल कामना शुभ भावों के दीये में जलाकर प्रेषित करते हुए हर जन के सहयोग,सानिध्य,स्नेह,सहकार क़ी भावना भाता हू..प्रत्यक्ष ओर अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग करने वालों को अग्रिम में धन्यवाद..

आपका सहयोग अवश्यंभावी है ...

आदर सहित ,

सधन्यवाद

सज्जन राज मेहता

Tuesday, July 5, 2011

जिस देश की धरती प्रतीक्षा के पलक-पावडे बिछाये हुए मात्रकुक्षी से अवतरण के पश्चात् हमारे स्वागत सत्कार के लिए आकुल-व्याकुल रहती है,अपनी स्वच्छ जलवायु से हममे नवजीवन का संचार कराती है,अन्न,फल,जल,दूध ओर वनस्पति प्रदान कर हमारा पोषण वर्धन कराती है,वह हमारी जन्मदात्री माता से कम महत्त्व की अधिकारिणी ह़ो,ऐसा नहीं कहा जा सकता..माँ यदि जन्म दात्री है तो देश की धरती जीवनदायी..अतः;हमारे मन में उनके प्रति आदर के फूल ना खिले,पूजा के दीप ना जले तो यह अस्वाभाविक है..पृथ्वी हमारी माता है ओर इसके निवासी हमारे पुत्र..

सच्चा देशभक्त अपना सर्वस्व अपनी मात्रभूमि के पावन चरणों पर न्योछावर कर देता है..उसे ना तो राजभवन का सुख लुभाता है,ना कांटी की चुभन सताती है..ऐसे देशभक्त मात्रभूमि का अनादर कभी बर्दाश्त नहीं कर सकते ..चाहे भ्रष्टाचार की सुनामी ह़ो,पडोसी देशो का आतंक ह़ो या अंदरूनी देश के गद्दार आतंकवादियों की देश विरोधी गतिविधिया,ऐसे देशभक्तों की आँखों में अंगार दहकने लगता है..जब-जब देश पर संकट के बादल मंडराते है, ऐसे ही देशभक्त द्रष्टिगोचर होते है तथा इन्ही देश भक्तों से देश का गौरव अशुक्ष्ण रहता है..भाई गुलाब जी कोठारी साहिब ने निरंतर मुहिम का आगाज किया है.एक हुंकार भरी है और भरते रहेंगे....हमारा समर्थन शायद एक नई रोशनी का संचार करा सकता है तथा राजस्थान पत्रिका नामक चिंगारी मशाल के रूप में प्रज्ज्वलित ह़ो सकती है यदि संगठित ओर समन्वित प्रयास ह़ो तथा मीडिया का पुरजोर समर्थन ह़ो ..

शहीदों की मजारो पर लगेंगे हर बरस मेले

वतन पे मरने वालों का यहीं बाकी निशाँ होगा

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सज्जन राज मेहता
सामाजिक कार्यकर्ता
बंगलौर