Tuesday, March 1, 2011

रेडीमेड गारमेंट पर पुनः ;EXCISE थोपी गई

नमस्कार
आज केन्द्रीय बजट में रेडीमेड गारमेंट पर पुनः ;EXCISE
थोपी गई है जिसकी जितनी भर्त्सना क़ी जाए कम है..वक़्त के साथ कैसे सुर ओर आचरण बदल जाते है ,इसका नितांत उदाहरण है यह..श्रीमती सोनिया जी ने स्वयं हम पुरे भारत के गारमेंट संस्थानों के पदाधिकारियो के आग्रह पर तत्कालीन वित् मंत्री श्री जसवंत सिंह जी को पत्र लिखा था जब हमारे पर सर्वप्रथम २००३ में EXCISE थोपी गई थी ..उस समय क़ी वाजपेयी जी सरकार ने फिर भी वह मांग ठुकरा दी तथा बाद में कांग्रेस क़ी सरकार आने पर हमारी मांग पर श्रीमती सोनियाजी क़ी अगुवाई में चल रही सरकार ने रहनुमाई बरतते हुए EXCISEवापस ले ली..संलग्न पत्रों से स्पष्ट हो जाता है कि सत्ता में रहते हुए एक आचरण और सत्ता के बाहर एक रवैया.राजस्व मात्र क़ी वसूली से या खाली खजाने को भरने के उधेश्य से कर लादना कतई न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता..उससे तो वही कहावत चरितार्थ होती है क़ि " जहाँ का राजा व्यापारी, वहां क़ी प्रजा भिखारी.".

जब समूचा देश महंगाई की मार से त्रस्त है.हर चीजो के दाम आसमान छु रहे है.दिवाली के बाद कपडे के दामो में ३० से ४५ % क़ी अप्रत्याशित वृधि हो चुकी है जो वित् विभाग क़ी जानकारी में अवश्य ही होगा ,उस पर यह नया बोझ लादकर उन्होंने हमारी कमर तोड़ने में कोई कसर नहीं रखी है ..इससे बढ़कर सौतेला व्यवहार शायद किसी दुश्मन पर भी ना हो.हमारी यही अपेक्षा है..सरकार इस पर पुनर्विचार करे वर्ना रोटी,कपड़ा और मकान जैसी बुनियादी जरुरत क़ी वस्तुओ पर नाइंसाफी जनता-जनार्दन को आंदोलित ही करेगी..श्रीमती सोनिया जी के इन पत्रों को शीघ्र ही समस्त लोकसभा-राज्यसभा सदस्यों को प्रेषित किया जाएगा..कृषि क्षेत्र के बाद सर्वाधिक रोजगार उपलब्ध कराने वाला वस्त्र उद्योग ऐसे हास्यापद और घ्रनास्पद आचरण की उम्मीद नहीं कर रहा था ..

आशा है ,आप इसे अवश्य प्राथमिकता से प्रकाशित कर कृतार्थ करेंगे..
धन्यवाद
सज्जन राज मेहता
निवर्तमान अध्यक्ष ..KARNATAKA HOSIERY & GARMENT ASSN.
09845501150

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